अमेरिकी एक्सपर्ट ने कोविड की Pfizer और Moderna वैक्सीन में की तुलना, ये अंतर मिले

अमेरिकी एक्सपर्ट ने कोविड की Pfizer और Moderna वैक्सीन में की तुलना, ये अंतर मिले

अक्सर देखा गया है कि किसी भी महामारी की वैक्सीन को बनाने में एक लंबा वक्त लग जाता है, लेकिन जिस प्रकार से कोरोना की वैक्सीन पर दुनियाभर के शोधकर्ताओं ने काम किया। उसी का नतीजा है कि कोरोना की एक नहीं, दो नहीं कई वैक्सीन एक साल से भी कम समय के भीतर बनकर तैयार हो गईं। बता दें कि कण्ठमाला रोग के लिए गलसुआ वैक्सीन को बनाने में करीब 4 साल का वक्त लगा था।

एक्सपर्ट अमांडा ने बताया फर्क :

ऐसे में अमेरिकी एक्सपर्ट अमांडा होवेल Amanda Howell ने कोरोना के लिए बनकर तैयार हुई फाइजर-बायोएनटेक Pfizer-BioNTech और मॉडर्ना Moderna वैक्सीन के बीच तुलना की है। इससे लोगों को पता चलेगा कि आखिर दोनों वैक्सीन में फर्क क्या है? दरअसल इस जानकारी को अमांडा ने अपने सोशल अकाउंट पर शेयर कर दिया था। इन दोनों वैक्सीन Vaccine की तुलना अब इंटरनेट पर काफी वायरल हो रही है। तो चलिए जानते हैं इन दोनों वैक्सीन के बीच के अंतर को..

ये रहे प्रमुख अंतर :

अमांडा ने फाइजर की वैक्सीन को 95 फीसदी कारगर बताया है, जबकि मॉडर्ना को 94.5 फीसदी।

सरकार की अनुमति के अनुसार फाइजर 16 साल से अधिक की उम्र के लोगों में लगाई जा सकती है, जबकि मॉडर्ना 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को लगाई जानी है।

फाइजर की 30 एमसीजी डोज 21 दिन में एक बार दी जाती है, जबकि मॉडर्ना की 100 एमसीजी डोज 28 दिन के गैप में दी जाती है।

Pfizer की एक शीशी vial 5 डोज की होती है, जबकि मॉडर्ना की 10 डोज की शीशी vial होती है।

फाइजर में सोडियम क्लोराइड की मात्रा 0.9 फीसदी होती है, जबकि मॉडर्ना में ऐसा कुछ नहीं मिलाया जाता।

फाइजर वैक्सीन को माइनस 112 से -76 डिग्री फॉरेनहाईट में रखा जाता है, वहीं मॉडर्ना के लिए ये तापमान माइनस 13 से -5 डिग्री फॉरेनहाईट चाहिए।

Pfizer के ट्रायल में 36,621 लोग शामिल थे, जबकि मॉडर्ना में इन लोगों की संख्या 30,350 की थी।

फाइजर को 10 दिसंबर 2020 को तीसरे फेज के बाद प्रभावी बताया गया था, वहीं मॉडर्ना को 30 नवंबर 2020 को तीसरे फेज में कारगर बताया गया था।

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