आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आज मजदूर-किसानों को क्या मिला, पढ़िए..

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आज मजदूर-किसानों को क्या मिला, पढ़िए..
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार दूसरे दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड़ रुपए का ब्यौरा पेश किया। इसमें वित्त ने करीब 9 बड़े ऐलान किए। आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री का फोकस किसान, मजदूर और स्ट्रीट वेंडर्स पर रहा। उन्होंने कहा कि गरीब हमारी प्रा​थमिकता है और सरकार इसके लिए लगातार काम कर रही है। किसानों के लिए भी 4 लाख करोड़ रुपए की मदद की गई है।इस दौरान वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद रहे जिन्होंने योजनाओं और घोषणाओं का हिंदी अनुवाद किया।

किसानों को क्या मिला :

आज की घोषणाओं में वित्त मंत्री ने किसानों के लिए कृषि ऋण में 3 महीने की छूट देने की बात कही। इसका लाभ देश के करीब 3 करोड़ किसानों को मिलेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले मार्च-अप्रैल में 86,600 करोड़ रुपए किसानों को बांटे गए। वहीं 25 लाख केसीसी यानि 25 हजार रुपए की लिमिट वाले नए किसान क्रेडिट कार्ड बनाए गए। किसानों की फसल खरीदी के लिए 6,700 करोड़ और सहकारी ग्रामीण बैंकों के लिए 28,500 करोड़ रुपए की मदद भी दो महीने पहले दी गई थी।

मजदूरों को क्या मिला :

मजदूरों के रोजगार के लिए सबसे पहला ​काम गांव वापस लौटने वाले सभी मजदूरों को मनरेगा में काम दिया जा सके इसके लिए करीब 10 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। वहीं मनरेगा में मजदूरों को मिलने वाली राशि को बढ़ाकर अब 202 रुपए कर दिया गया है। वही प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत किस प्रकार मदद दी जाए इसकी योजना भी सरकार लेकर आई है। आंकड़ों के अनुसार इस बार पिछली बार के मुकाबले करीब 50 प्रतिशत ज्यादा लोगों को काम दिया गया।
इसके अलावा सभी प्रवासी मजदूर जिनके पास कोई कार्ड नहीं है उनके लिए दो ​महीने तक मुफ्त 5 किलो चावल अथवा गेहूं और 1 किलो चना हरेक परिवार को दिया जाएगा।
देश में सभी मजदूरों के लिए कंपनी मालिकों को अब समान न्यूनतम वेतन देना होगा। वहीं कंपनी या उद्योग में यदि 10 से अधिक मजदूर काम करते हैं तो उन कंपनी या उद्योगों को ईएसआईसी ESIC कवरेज जरूरी होगा। साथ ही मजदूरों को नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे और साल में एक बार हेल्थ चेकअप भी किया जाएगा।

एक देश एक राशन कार्ड :

सरकार अब देश में वन नेशन वन राशन कार्ड स्कीक को लागू करेगी। इसका फायदा ऐसे गरीब लोगों को मिलेगा जो देश में एक जगह से दूसरी जगह रोजगार आदि के लिए स्थानां​तरित होते रहते हैं। इस स्कीम के तहत अब तक देश के 83 प्रतिशत लोगों को जोड़ा जा चुका है। 2021 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा।

रेहड़ी वालों को ये मिला :

सरकार ने इनकी मदद के लिए 5 हजार करोड़ रुपए की सहायता प्रदान करने की बात ​कही है, लेकिन यह कैसे और किसको दिया जाएगा, इसके बारे में फिलहाल जानकारी नहीं मिली है। हालांकि इस पैकेज के अंदर स्ट्रीट वेंडर्स यानि रेहड़ी ठेले वालों को शामिल किया गया है। इन्हें प्रतिव्यक्ति 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। वहीं डिजि​टल पेमेंट वालों को और प्रोत्साहन दिया जाएगा।

गरीबों के लिए:

शहरों में प्रवासी मजदूरों के लिए सस्ते दामों पर अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स बनाए जाएंगे। इसे पीएम आवास योजना के साथ जोड़कर शुरू किया जा सकता है। वहीं उद्योगपति अपनी यूनिट के आसपास इस तरह की आवासीय योजना अपने मजदूरों के लिए विकसित करते हैं तो उन्हें इसका लाभ भी सरकार द्वारा दिया जाएगा।
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