किसान आंदोलन: आज सुप्रीम कोर्ट ने वो बात कह दी जिसे सरकार सुनना नहीं चा​हती थी, प​ढ़ें क्या

किसान आंदोलन: आज सुप्रीम कोर्ट ने वो बात कह दी जिसे सरकार सुनना नहीं चा​हती थी, प​ढ़ें क्या

Farmers Protest. कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन पर आज सुप्रीम कोर्ट सख्त दिखा। इतना ही नहीं सुनवाई के दौरान Supreme Court ने एक ऐसी बात कह दी, जिसे केंद्र सरकार कभी सुनना ही नहीं चाहती थी। जी हां, सोमवार को दोपहर करीब सवा 12 बजे सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन मामले पर सुनवाई शुरू की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें नहीं पता सरकार और किसानों के बीच क्या बातचीत चल रही, सरकार Government या तो इसका हल निकाले अन्यथा हमें कोई कदम उठाना पड़ेगा।

पहले सरकार को लगाई फटकार :

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा कि किसान और सरकार दोनों पक्षों के बीच हाल ही में मुलाकात हुई है। जिसमें तय हुआ है कि चर्चा जारी रहेगी। इस पर चीफ जस्टिस ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सरकार को फटकार लगाई कि जिस तरह से सरकार इस मामले को हैंडल कर रही है, वह उससे कतई संतुष्ट नहीं है। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें नहीं पता कि आपने कानून को पास करने से पहले क्या किया! पिछली सुनवाई में भी आपने बातचीत की बात कही थी, आखिर ये हो क्या रहा है?

सुप्रीम कोर्ट ने एक और जोरदार बात कही, कोर्ट ने सरकार से कहा कि हम ये नहीं समझ पा रहे हैं कि आप खुद समस्या का हिस्सा हैं या फिर समाधान का!

अदालत ने कहा कि हमारे पास ऐसी एक भी दलील नहीं आई, जिसमें इन कानूनों की तारीफ हुई हो।

कोर्ट ने कहा कि हम किसान मामलों के एक्सपर्ट नहीं हैं, लेकिन आपने इन कानूनों को अभी के लिए नहीं रोका तो, मजबूरन हमें रोकने पड़ेंगे।

सरकार ने कहा कि इस तरह से किसी भी कानून पर रोक नहीं लगाई जा सकती.. इस पर अदालत ने कहा कि हम सरकार के रवैये से खफा हैं और हम इस कानून को रोकने की हालत में हैं।

सरकार नहीं सुनना चाहती थी ये बात :

आंदोलन को महीनेभर से ज्यादा का समय हो गया। एक बात है जिसे सरकार कभी सुनना नहीं चाहती थी, लेकिन आज अदालत ने ये बात कह दी और ये बात थी कानूनों को होल्ड करने की। कोर्ट ने सरकार के रवैए से नाखुश होकर कहा कि क्या आप इन कानूनों को कुछ समय के लिए होल्ड नहीं कर सकते? यदि आप ऐसा नहीं कर सकते तो ​हम कर देंगे।

कल फैसला आने की उम्मीद :

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर मंगलवार को भी सुनवाई होनी है। सुनवाई के बाद अदालत कोई फैसला सुना सकती है। हालांकि कोर्ट ने कहा ​है कि वह इस फैसले को टुकड़ों में भी जारी कर सकती है। एक्सपर्ट कमेटी को लेकर भी कल चर्चा हो सकती है।

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