राजस्थान में लॉकडाउन के बाद पुलिस​कर्मियों को मुख्यमंत्री की नई सौगात, अब मिलेंगी ये सुविधाएं

राजस्थान में लॉकडाउन के बाद पुलिस​कर्मियों को मुख्यमंत्री की नई सौगात, अब मिलेंगी ये सुविधाएं

राजस्थान पुलिस में उत्कृष्ट सेवाएं देने वाले पुलिसकर्मियों के लिए शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई सौगातें देने की घोषणा की। इनमें कई योजनाएं को भी शामिल किया गया है। जिसके अंतर्गत पुलिसकर्मियों के कई प्रकार के लाभ मिलने वाले हैं। बता दें कि अब प्रदेश में उत्कृष्ट सेवाएं देने वाले पुलिसकर्मियों को मुख्यमंत्री पदक योजना के तहत सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों के आवागमन के लिए रोडवेज की बसों में स्थायी पास की योजना भी प्रारम्भ की जाएगी।

ये सुविधाएं भी मिलेंगी :

प्रदेश में पुलिसकर्मियों के लिए हाउसिंग बोर्ड, यूआईटी, जेडीए सहित अन्य संस्थाओं के माध्यम से आवास की सुविधा प्रदान की जाएगी। साथ ही पुलिस लाइन, आर्म्ड बटालियन एवं पुलिस ट्रेनिंग सेंटरों में उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत करने के अलावा पुलिसकर्मियों का नि:शुल्क वार्षिक चिकित्सा परीक्षण कराया जाएगा।

कोरोना में पुलिस की कार्यशैली प्रशंसनीय :

कोरोना संकट के इस दौर में पुलिस ने जिस समर्पण भावना के साथ दायित्वों को अंजाम देकर अपनी मानवीय छवि पेश की है। लॉकडाउन लागू करने से लेकर कोई भूखा नहीं सोए के संकल्प को साकार करने में अधिकारियों से लेकर पुलिस कांस्टेबल तक ने जो भूमिका अदा की है, वह प्रशंसनीय है। कोरोना से जंग का अनुभव हम सबके लिए नया था। पुलिस ने इससे निपटने के लिए जो नवाचार किए, उनमें से कई सफल रहे और सामूहिक प्रयासों से हम इस लड़ाई को सफलतापूर्वक लड़ पा रहे हैं।

संकट की इस घड़ी में पूरे प्रदेश में शांति और सद्भाव कायम रहा, उसमें पुलिस की बड़ी भूमिका है। होमगार्ड एवं पुलिस मित्रों ने भी कोरोना के इस दौर में सराहनीय कार्य किया है। प्रवासियों को सकुशल अपने घर पहुंचाने, सुरक्षित प्रसव, वृद्धजनों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने और उनकी देखभाल करने, सुगमता के साथ यात्रा पास जारी करने के साथ ही अन्य कार्यों में पुलिस ने जिस भावना के साथ काम किया है, उससे नए रूप में पुलिस का इकबाल कायम हुआ है।

अधिकारी कार्मिकों की समस्याओं को सुनें :

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते दिनों कुछ पुलिस कार्मिकों द्वारा आत्महत्या करने की जो घटनाएं हुई हैं, वे दु:खद और चिंताजनक हैं। पुलिस महानिदेशक से लेकर थाना प्रभारी स्तर तक अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे अपने अधीनस्थ कार्मिकों की समस्याओं को समझें और उन्हें दूर करने के लिए भावनात्मक संरक्षण दें। ड्यूटी या अन्य किसी कारण से कोई पुलिसकर्मी अवसाद की स्थिति में है तो उसकी मनोस्थिति समझकर आवश्यकतानुसार मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग करवाएं। सरकार पुलिस के मनोबल तथा सम्मान को ऊंचा रखने में कोई कसर नहीं रखेगी।

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